ONGC पर बड़ी खबर, मंत्रालय ने कंपनी से कहा- तेल क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचें, ड्रिलिंग कारोबार भी करें अलग
ONGC latest News: पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ओएनजीसी को अपने तेल एवं गैस क्षेत्रों के निजीकरण के लिए तीसरी बार कहा गया है.
मंत्रालय ने कंपनी को सुझाव दिया है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए. (PTI)
मंत्रालय ने कंपनी को सुझाव दिया है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए. (PTI)
ONGC latest News: पेट्रोलियम मंत्रालय (Ministry of Petroleum) ने देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी (ONGC) से अपने उत्पादक तेल क्षेत्रों मसलन रत्ना आर-सीरीज में हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचने को कहा है. इसके अलावा मंत्रालय ने कंपनी से केजी बेसिन गैस क्षेत्र में विदेशी भागीदार को साथ लाने, मौजूदा ढांचे के मौद्रिकरण और ड्रिलिंग और दूसरी सेवाओं को अलग इकाई के तहत लाने को कहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने कंपनी को सुझाव दिया है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए.
1 अप्रैल को पत्र लिखकर अमल करने को कहा गया
खबर के मुताबिक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खोज) अमर नाथ ने ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार को 1 अप्रैल को पत्र लिखकर सात-सूत्रीय कार्रवाई योजना का क्रियान्वयन करने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि इससे ओएनजीसी 2023-24 तक अपने तेल एवं गैस उत्पादन में एक-तिहाई की बढ़ोतरी कर सकेगी.
निजीकरण के लिए तीसरी बार कहा गया
पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ओएनजीसी को अपने तेल एवं गैस क्षेत्रों के निजीकरण के लिए तीसरी बार कहा गया है. इससे पहले अक्टूबर, 2017 में मंत्रालय की तकनीकी इकाई हाइड्रोकॉर्बन महानिदेशालय ने 79.12 करोड़ टन कच्चे तेल और 333.46 अरब घनमीटर गैस के सामूहिक भंडार के 15 उत्पादक क्षेत्रों की पहचान की थी, जिन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने की सलाह दी थी. महानिदेशालय का मानना था कि इससे इन क्षेत्रों के अनुमान और खोज में सुधार हो सकेगा.
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149 छोटे और सीमान्त क्षेत्रों की पहचान
एक साल बाद ओएनजीसी के 149 ऐसे छोटे और सीमान्त क्षेत्रों की पहचान की गई, जिन्हें निजी और विदेशी कंपनियों को सौंपा जाए और कंपनी सिर्फ बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी. सूत्रों ने बताया कि ओएनजीसी के कड़े विरोध के कारण पहली योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. दूसरी योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा गया.
फिर हो रही है कोशिश
मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी, 2019 को ओएनजीसी के 64 सीमान्त क्षेत्रों के लिए बोलियां मंगवाने का फैसला किया. लेकिन इस निविदा को काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली और ओएनजीसी को इस शर्त के साथ 49 क्षेत्र अपने पास रखने की अनुमति दी गई कि वह कड़ाई से इनके प्रदर्शन की निगरानी करेगी. मंत्रालय के 1 अप्रैल, 2021 के नोट में कहा गया है कि मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब दो साल हो चुके हैं. ऐसे में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले क्षेत्रों की पहचान कर उनका विनिवेश और निजीकरण किया जाना चाहिए.
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06:00 PM IST